डीएलएड कोर्स क्या है ?
भूमिका
टीचर बनना और बच्चों को पढ़ाना ज्यादातर लोगों का सपना होता है आज भले ही इंजीनियर डॉक्टर और अन्य क्षेत्र में नौकरियों की अपार संभावनाएं हैं लेकिन आज भी लाखों करोड़ों स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो एजुकेशन के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं और बच्चों को पढ़ाकर अपना करियर बनाना चाहते हैं अगर आप भी ऐसा ही सपना देख रहे हैं तो इस ब्लॉग के द्वारा हम आपको बताएंगे कि डीएलएड के माध्यम से कैसे टीचर बन सकते हैं और कैसे इसमें अपना करियर बना सकते हैं| टीचर बेसिकली तीन तरह के होते हैं पहले तो वह जो प्राइवेट लेबल की स्ट्रेंथ पढ़ाते हैं और दूसरे वह जो मिडल लेबल क्वे स्टूडेंट को पढ़ाते हैं जो कि मिडल स्कूल मे पढ़ाते है और तीसरे वह जो हाई स्कूल के स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं लेकिन अगर आप प्राइमेरी लेबल के टीचर बनकर बच्चों को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको डीएलएड का कोर्स है इस कोर्स को करने के बाद आप प्राइवेट से लेकर गवर्नमेंट जॉब तक पाने के लिए अवेलेबल हो जाता है तो चलिए शुरुआत करते हैं और इसको से जुड़ी तमाम जानकारी जानते हैं लेकिन उससे पहले हम लटके टॉपिक के बारे में जान लेते हैं जिन पर हम चर्चा करने वाले हैं:-
- डीएलएड कोर्स क्या है ?
- क्वालिफिकेशन क्या चाहिए ?
- ऐज लिमिट कितनी होती है ?
- कोर्स की फीस कितनी होती है ?
- कितने साल का कोर्स होता है ?
- एग्जाम पैटर्न क्या है ?
- नौकरी के लिए स्कोप क्या है ?
- डीएलएड कोर्स क्या है ?
-टीचिंग सिर्फ नौकरी नहीं बल्कि एक ऐसी रीस्पान्सबीलिटी है जो किसी भी देश का फ्यूचर तय करता है यानि कि एक टीचर के हाथों में देश का भविष्य होता है यही वजह है कि हमारे देश में टीचर्स को एक अलग ही सम्मान दिया जाता है बड़े स्टूडेंट को पढ़ाना तो फिर भी आसान है लेकिन छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ना बहुत मुश्किल है इसके लिए टीचर को ट्रेनिंग लेनी पड़ती है जो कि आपको डीएलएड के कोर्स के दौरान दिया जाता है इस कोर्स को करने के दौरान आपको यह बताया जाता है कि छोटे-छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाना है क्योंकि छोटे बच्चों की मेन्टैलिटी बड़े स्टूडेंट से अलग होती है उन्हें समझाना बहुत मुश्किल होता है और यही तमाम बातें किसी भी टीचर के लिए जानना जरूरी है जो कि डीएलएड के कोर्स में सिखाया जाता है और यह 2 साल का कोर्स होता है|
- क्वालिफिकेशन क्या चाहिए ?
-क्युकी प्राइमेरी लेबल के टीचर होते हैं इसलिए इनके लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की बात करें तो कैंडिडेट्स का 12th पास होना जरूरी है जनरल कैंडीडेट्स के लिए ट्वेल्थ में 50% मार्क्स कंपलसरी है लेकिन रिजर्वेशन कैटिगरी के कैंडिडेट के लिए 45% मार्क्स कंपलसरी है उत्तर प्रदेश में डीएलएड कोर्स के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है ग्रेजुएट में 50% मार्क्स होना चाहिए अगर आप इस योग्यता को पूरा करते हैं तो आप भी डीएलएड में एडमिशन ले सकते हैं|
- ऐज लिमिट कितनी होती है ?
-जैसा कि आपको पता है कि हर एग्जाम के लिए ऐज लिमिट तय की गई है ठीक उसी तरह से इसमें भी ऐज लिमिट तय है उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स के लिए एज लिमिट की बात करो तो उनकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए लेकिन किसी-किसी स्टेट में स्टूडेंट्स की उम्र मिनिमम 17 वर्ष होनी चाहिए और मैक्सिमम एज की कोई बाध्यता नहीं है आप किसी भी उम्र तक यह कोर्स कर सकते हैं लेकिन ध्यान दीजिए कि आप जिस स्टेट में रहते हैं या किसी भी स्टेट से यह कोर्स करना चाहते हैं तो आप उस स्टेट कि डीएलएड कोर्स नोटिफ़िकेसटीऑन अच्छे से पढ़ लीजिए उसके बाद ही फॉर्म अप्लाई कीजिए|
- कोर्स की फीस कितनी होती है ?
-अब बात कर लेते हैं इस कोर्स को करने के लिए फीस कितनी लगती है तो डीएलएड का कोर्स करने के लिए कोई भी फिक्स फी अभी तक निर्धारित नहीं की गई है क्योंकि यह कोर्स प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों इंस्टीट्यूट द्वारा करवाया जाता है लिहाजा इसके लिए फी भी अलग-अलग है हालांकि प्राइवेट के मुकाबले सरकारी संस्था से इस कोर्स को करना काफी अफॉर्डेबल होता है वहीं गवर्नमेंट कॉलेज की फीस की बात करें तो इसमें भी अलग-अलग कॉलेज द्वारा अलग अलग फी ली जाती है एक अनुमान के मुताबिक इसके लिए सरकारी कॉलेज में मिनीमम दस हजार तक हो सकती है जबकि प्राइवेट कॉलेज में इसके लिए चालिश हजार रुपए तक के फी लेते हैं|
- कितने साल का कोर्स होता है ?
- डीएलएड का कोर्स 2 साल का होता है किसी भी राज्य में आप इस कोर्स को करेंगे तो यह 2 साल का ही होता है हालांकि इसका सेमेस्टर अलग-अलग स्टेट में अलग-अलग हो सकता है जैसे अगर बिहार की बात करो तो यहां 2 अनुअल सेमेस्टर होते हैं इसलिए यहां 2 साल में दो बार एग्जाम होता है जबकि उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां 4 सेमेस्टर होते हैं यानी कि यहां हर छह महीने पर सेमेस्टर का एग्जाम होता है मतलब आपको हर छह महीने पर एग्जाम देना होगा|
- एग्जाम पैटर्न क्या है ?
- डीएलएड के एग्जाम पैटर्न अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है कहीं टेंथ और ट्वेल्थ के मेरिट के आधार पर सीधा काउंसलिंग होती है और एडमिशन मिल जाता है कई राज्य ऐसे हैं जहां इसके लिए एंट्रेंस टेस्ट देना होता है जैसे अगर यूपी की बात करें तो यहां आपको ग्रेजुएशन में मिले मार्क्स के आधार पर मेरिट बनाई जाती है और उसी के आधार पर आप एडमिशन मिलता है जबकि बिहार में पहले इंट्रेंस टेस्ट देना होता है लेकिन साल 2021 में कॉलेज को डायरेक्ट एडमिशन देने के लिए कहा गया था|
- नौकरी के लिए स्कोप क्या है ?
- डीएलएड एक ऐसा स्कोप है इसमें ऐसे बच्चों को पढ़ाई करवाने के बारे में सिखाया जाता है जिन्हे कुछ भी ज्ञान नहीं होता है दरअसल बड़े बच्चों को तो आप अपने अनुसार हैंडल कर सकते हैं थोड़ा बहुत जोर जबरदस्ती भी कर सकते हैं लेकिन छोटे बच्चों के साथ ऐसा नहीं है उन्हें आपको उन्हीं की भाषा में पढ़ाना होता है इसमें वह आपसे डर नहीं बल्कि आपके साथ घुल मिल जाएं इसलिए डीएलएड करने वाले कैंडिडेट्स की मांग प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों सेक्टर में है तो अगर आप भी नौकरी को लेकर टेंशन में है तो उसकी चिंता छोड़ दीजिए क्योंकि डीएलएड करने के बाद आपको प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों ही क्षेत्र में जॉब की अपार संभावनाएं हैं|
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